पहली लिस्ट आते ही हरियाणा बीजेपी में बवाल, इस्तीफों की झड़ी
खरी खरी संवाददाता
चंडीगढ़,6 सितंबर। हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी होते ही घमासान मच गया है। पार्टी के अंदर बगावत शुरू हो गई और इस्तीफों की झड़ी लग गई। टिकट नहीं मिलने से खफा होकर करीब 14 बड़े नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। इनमें मंत्री, वर्तमान विधायक, पूर्व मंत्री आदि शामिल हैं। टिकट न मिलने पर कई नेताओं के आंसू फूट पड़े।बीजेपी ने पहली लिस्ट में 67 प्रत्याशी घोषित किए हैं।
बीते एक दशक से हरियाणा की सत्ता पर काबिज बीजेपी को इस बार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पार्टी को इसका अनुमान पहले से ही लग गया है। इसलिए मनोहर सिंह खट्टर जैसे अनुभवी नेता को सीएम की कुर्सी से उतारकर जातीय समीकरणों में ज्यादा फिट बैठने वाले नायाब सिंह सैनी को सीएम बना दिया गया। इसके बाद भी पार्टी को राह बहुत आसान नहीं दिखाई पड़ रही है। इसलिए पार्टी ने इस बार कई चेहरे बदलने की ठान ली। इसी फैसले के अनुसार उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी हुई। लिस्ट जारी होते ही पार्टी में बवाल मच गया। कई रसूखदारों ने बगावत कर दी और कई दिग्गजों ने पार्टी को ही अलविदा कह दिया। राज्य के ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला, विधायक लक्ष्मण दास, किसान मोर्चा के अध्यक्ष सुखविंदर श्योराण, प्रदेश उपाध्यक्ष जीएल शर्मा व पीपीपी के स्टेट कोऑर्डिनेटर सतीश खोला ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। मंत्री विशंभर वाल्मीकि, पूर्व मंत्री कविता जैन, सावित्री जिंदल, लतिका शर्मा के समर्थकों ने भी नाराजगी जताई है। इन सभी ने समर्थकों के साथ बैठक की और अगला कदम उठाने के लिए विचार-विमर्श किया।
टिकट न मिलने पर कई नेता बहुत दुखी हो गए। सोनीपत से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व मंत्री कविता जैन बृहस्पतिवार को समर्थकों के सामने फूट-फूटकर रोने लगीं। उन्होंने पार्टी आलाकमान को आठ सितंबर तक का समय देते हुए तीन दिन में सोनीपत सीट से पार्टी प्रत्याशी निखिल मदान को बदलने का अल्टीमेटम दिया है। सोनीपत के मेयर निखिल कुछ महीने पहले ही कांग्रेस से भाजपा में आए हैं। राज्यमंत्री बिशंबर वाल्मीकि का बवानीखेड़ा से भाजपा से टिकट कटने से उनके आंसू टपक पड़े तो तोशाम से टिकट नहीं मिलने पर पूर्व विधायक शशिरंजन परमार भी रो पड़े।दूसरी भाजपा नेतृत्व ने भी डैमेज कंट्रोल के प्रयास शुरू कर दिए हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव सह प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने रोहतक स्थित पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बैठक और तीन महासचिवों को नाराज नेताओं को मनाकर बगावत थामने की जिम्मेदारी सौंपी है।